बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन कैसे करे? | How to farm shrimp in Biofloc method in Hindi?

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बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन कैसे करे?( How to farm shrimp in Biofloc method in Hindi?)

बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन कैसे करे?आज का इस आर्टिकल में हमने झींगा  पालन की और एक नई तरीका बायोफ्लॉक विधि को लेके आलोचना करेंगे. हमलोग जानते है आज का दिन में झींगा पालन एक बहुत जादा ग्रोविंग इंडस्ट्री है. इस व्यापार आगर सही तरीका से किया जाये तो मुनाफा बहुत जादा होता है. हम खुद इस तरीका से तिन साल से फिश फार्मिंग कर रहा हूँ. आप अगर इस बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालनकी तरीका को सही रूप से जानना चाहेंगे तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े. हम इस आर्टिकल में  बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन के सारे जानकारी को बिस्तर रूप में चर्चा करेंगे.

बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन कैसे करे?
biofloc tank

बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन  तकनीक क्या है ? (What is the shrimp farming technique in Biofloc method in Hindi?)

बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन  एक एसा टेक्नोलॉजी है जिसमें झींगा का जो आहार (nutrients) लगातार पानि मे  पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है . ओ ही बहुत इ कम  पानी का  चेंज करके . या एक microorganism में आधारित पर्यावरण के अनुकूल (environment friendly) मछली पालन का तकनीक है . बायोफ्लोक तालाबों/टैंकों में निलंबित जीवित और मृत कार्बनिक पदार्थ, फाइटोप्लांकटन, बैक्टीरिया का समुच्चय है। इस तकनिक में microbial processes को उपयोग करके बेक्तेरिया को फार्मिंग करके मछली का आहार का सोर्से को फ्लोक का रुपमे बनाते है . उसके साथ साथ पानी का जुनमन आछी राखते है.

झींगा का कोण सा प्रजाति बायोफ्लोक में खेती किया जाता है ?

झींगा  की बहुत सारे प्रजाति है उसके अन्दर Litopenaeus vannamei प्रजाति की झींगा को साधारण रुपमे बायोफ्लोक में फार्मिंग किया जाता है .

 आप हमलोग समझे गे कैसे बायोफ्लोक फार्मिंग किया जता है.  

 टैंक या तालाबों का निर्माण

जो लोग बायोफ्लोक तकनीक में नए हैं, उनके लिए कैनवास टैंक , कंक्रीट तालाब या टैंक से शुरुआत करना चाहिए . अगर कोई इनडोर या घर के अंदर बायोफ्लोक में फार्मिंग करना चाहते हे, उसके लिए मिट्टी का तालाब बायोफ्लोक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करती है। अधिकांश tropical देशों में, इनडोर सिस्टम में आउटडोर फार्मिंग  की तुलना में बहुत जादा फायदा होता है, खासकर जब भारी मात्रा में बारिश के समय पानी का alkalinity और  pH को अचानक बदल देती है। इसके कारण इनदर फार्मिंग सबसे अच्छा विकल्प हैं।

Aeration क्या होना चाहिए

बायोफ्लोक में  उच्च ऑक्सीजन का डरकर होते है और और पानी में ठोस पदार्थों या Suspended Solid को जमने से रोकने के लिए बायोफ्लोक में निरंतर पानी का गति की दरकार होता है। जहापे गति नही रहेता उस क्षेत्र पे जल्दी से ऑक्सीजन का कमी हो जाती  है  और anaerobic areas में बदल जाने का खतरा रहेता है और इसमें बड़ी मात्रा में अमोनिया (NH3) और मीथेन (CH4) उत्पादन होती हैं। इसे रोकने के लिए प्रत्येक तालाब में aerators की व्यवस्था की जानी है। तालाब अक्सर पैडल व्हील एरेटर (पैडलव्हील एरेटर) का उपयोग करते हैं।उसके साथ साथ रूट ब्लोअर की भी उपयोग किय जाता है . बायोफ्लोक सिस्टम में 6 PPM  ऑक्सीजन  की दरकार होती है और इसे पूरी करने के ले प्रति हेक्टर की तालाब में 30 एचपी  की क्षमता वाले अरेसान से शुरू करना चाहिए। लेकिन,  एक बाद नजर में राखेंगे सिस्टम की दरकार और उत्पादकता के आधार पर, अरेसान सिस्टम का मांगे 200 hp /  हेक्टर  तक पहुँच सकती है। तालाब में पानी का गति बनाने के लिए एरेसाम सिस्टम को ठीक से स्थापित करना बहुत जरुरी है . इसके कारण कुछ कुछ पेदेल्व्हील को नियमित रूप से स्थानांतरित करना आवश्यक होती है . कम या बिना प्रवाह वाले क्षेत्रों में पेदेल्व्हील को स्थापित करना पड़ता है .

बेनिफिसिअल बेक्टेरिया का कल्चर

तालाब में झींगा को स्टॉक करने से पहले  तालाब का परिबेश को सही करने के लिए और बायोफ्लोक सिस्टम के विकास को बढ़ावा देने के लिए, बेनिफिसिअल बेक्टेरिया का कल्चर करना होता है . यह कल्चर में कुछ व्यावसायिक माइक्रोबियल स्ट्रेन या स्व-निर्मित फ़ार्मुलों को जोड़कर आप कर सकते  है। एय बहुत सरल उपाय में घर में किया जा सकते है .बायो-बैक्टीरिया और प्रीबायोटिक का उत्पादन करने के लिए rice bran और  ईस्ट को एक सीलबंद कंटेनर में मिलाकर 48 घंटों में fermented  किया जाता है, या चीज तालाब या टैंक का पानी में डालने से उपकारी प्रोबिओटिक बहुत जल्दी बन जाता है . और कार्बन करने से इस प्रोबिओटिक जल्दी ग्रो होती है . साधारण रुपमे Hetorotopic Becteria, Bacillus Group की बेक्टेरिया को कल्चर करना पड़ता है .

Stocking density कितना होगा

आच्छा एरेसान और पानी की अगर फिल्तारेसान (Filtration) अगर ठीक ठाक रहा तो उच्च घनत्व में झींगा का खेती किया जा सकते है . और आमतौर पर 150 से 250 PL/ Square meter के घनत्व पर झींगा का स्टॉक किया जा सकता है।

सिंघी मछली की खेती कैसे करे? 

कार्बन  सोर्स का बैलेंस करना बहुत जरुरी है .

कार्बन और नाइट्रोजन का रसियो  (सी / एन)> 10 का होना चाहिए। आज का दन बाजार में जो मछली का फीड मिलता है उस में 9: 1 या 10: 1 का सी / एन अनुपात होता है, इसलिए इस अनुपात को 12: 1 से 15: 1 तक बढ़ाने के लिए अधिक इनपुट की आवश्यकता होती है। ओतिरिक्त कार्बन सौरसे के लिए  गुड़, कसावा स्टार्च, गन्ना या स्टार्च का उपयोग किया जाता है .

बायोफ्लोक की ब्रिधि कैसे होता है ?

बायोफ्लॉक विधि में झींगा पालन कैसे करे?

अगर आपका तालाब में पर्याप्त माता में एरेसन, प्राकृतिक प्रकाश या सानलाईट और कार्बन का सठिक संसाधनों मिलता है . बायोफ्लोक की मात्रा तेजी से बढ़ने लगेगी है . पानी के तापमान, पोषक तत्वों और सूरज की रोशनी सहित बाकी ओने कारकों के आधार पर, काल्चर शुरु के समय में बायोफ्लोक्स की संख्या 7- 10 दिन के भीतर 0 – 5ml/liter हो जाटी है. लेकिन कुछ दिनों के ओंदर बेक्तेरिया 10 billion bacteria per cm3 में हो जाते है . फ्लॉक को बिच बिच में चेक करना पड़ता है साधारण रूप में 20 – 25 ml/ ltr से जादा नही होना चाहिए. सूबा के समय Im Hop Cone तालाब का पानी ले के 20-25 मिनिट fix राखेने से फ्लॉक और सॉलिड जम जाती है .

टैंक में मछली पालन कैसे करे? 

पानी का सही मेनेजमेंट बहुत जरुरी है ? (  Farming water management in Hindi)

मछली पालन में भी पानी का स्थिति को सही राखना बहुत जरुरी है. इसके कारण पानी सारे पेरामीटर को सही राखना होगा .

निचे  पानी का पेरामीटर  देख ले

मछली पालन के लिए पानी का पेरामीटर चेरत

DO –  4-8ppm (parts per million)

Temperature  – 28-32  C ( Ideal)

PH – 6.5-8.5

Alkalinity  – 50-300 mg /lit ( ideal)

Ammonia  – 0 – 0.5 mg / lit

No2 (Nitrite ) <1

No3 ( Nitrate) <100

बायोफ्लोक में Filtration system

बायोफ्लोक झींगा पालन में  Filtration system बहुत जरुरी है. इस सिस्टम में पानी का जादा सॉलिड को फ़िल्टर करके उसी पानी को फिर से उपयोग किया जाता है . पानी में जब भी जादा सॉलिड और फ्लॉक हो जाता है Filtration system का प्रोयोग करके उसे सही किया जाता है .

बायोफ्लोक में झींगा फीडिंग खर्चा कम

बायोफ्लोक में झींगा पालन करने से फीडिंग का खरच बहुत कम होता है . बायोफ्लोक में झींगा को खाने के लिए बहुत सारे चीज जेसे ब्याक्टेरिया , प्लैंकटन मिल जाता है . इसलिए फार्मर का फीडिंग का खर्चा कम से कम 20 % कम हो जाता है .

बायोफ्लोक में झींगा पालन में लाभ क्या है ?

कम जागा में जादा मात्रा में झींगा पालन किया जाता है.

रोग का प्रोकोप बहुत कम होता है .

झींगा का खाने का खर्चा बहुत कम होता है. झींगा का ब्रिधि का हार बहुत जल्दी होता है.

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