बेबी कॉर्न की खेती का बिजनेस कैसे करे? | How Start Baby Corn Farming Business in Hindi?

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“बेबी कॉर्न की खेती का बिजनेस कैसे करे?” इस आर्टिकल में आज हाम बेबी कॉर्न की खेती का बिजनेस से जुढ़े  सारे जानकारी देंगे| बेबी कॉर्न का बिज़नस पहेले शहरे इलाका में चलता था| लेकिन आभी इसका  ब्यापार गाँव भी बहुत इ आछे से चल रहा है| बेबी कॉर्न का बिज़नस को कम लगत का आच्छा मुनाफा देने बाले बिज़नस के रूप में माना जाता है|

Table of Contents

बेबी कॉर्न क्या है ? (What is Baby Corn in Hindi?)

मक्का को परिपक्क होने  से पहेले कोमल अबस्था में बेबी कर्ण का रुपमे तुड़ाई जाता है| बेबी कर्ण में 2-3cm का सिल्क निकल के रहता है| सिल्क निकलने के 2-3 दिन के अन्दर बेबी कर्ण को तुड़ाई जाता है| सारे भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में बेबी कॉर्न का बहुत जादा मांग है|

बेबी कर्ण  की खेती की बिज़नस का संभाबना कितना है? ( How Potential of Baby Corn Farming in Hindi?)

आप क्रिशिकाज के साथ जुड़े रहेना चाहाते है, और कृषि समन्धित बिज़नस करना चाहाते है तो आप बेबी कर्ण का खेती को बिज़नस का बारे में शौच सकते है | किउ की सारे भारत में बेबी कर्ण बाजार बहुत आछे है| और उसके साथ साथ बेबी कर्ण को बिदेश में निर्यात होता है| आभी का समय थाईलैंड और चीन में बेबी कर्ण के बहुत जादा खेती होता है| और बिदेश में इसका मांग बहुत जादा है| भारत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महारास्त्र, आंध्र प्रदेश,मेघालय जैसा राज्य में बेबी कर्ण का फार्मिंग होता है | और बेबी कर्ण से 2 प्रकार का फसल ले सकते है | जब  मक्का कोमल रहता है  तब उसे बेबी कर्ण रुपे बाजार में जाते है और जब परिपक्क हो जाता है तब इसे मक्का के रुपमे में बेच सकते है|  उत्पादन के बाद बेबी कर्ण को बेच ने के लिय कोई असुबिधा नही होता| अगर आप  बेबी कर्ण की खेती का बिज़नस करना चाहते है  तो आप एक सफल ब्यापारी हो सकते है और लाखो  कमा सकते है |

बेबी कॉर्न की खेती का बिजनेस कैसे करे? ( How Start Baby Corn Farming Business in Hindi?)

बेबी कर्ण की खेती की बिजनेस करने के लिए आपको सही ढंग से फार्मिंग  करना पड़ेगा इस लिए इसका जलबायु , खेती का तरिका , खेती का समय सारे कुछ जानना बहुत जरुरी है | सही ढंग से अगर बेबी कर्ण का खेती किया जाए तो खेती करके आप लाख कामइ करे  सकते है |  आर्टिकल में हाम इस सारे बीसय में चर्चा करेंगे |

बेबी कर्ण खाने में लाभ ( Benefit of Baby Corn Farming in Hindi)

  • बेबी कर्ण एक बहुत स्वादिस्ट खाना है|
  • इसमें बहुत जादा मात्रा  में पौसन गुण रहेते है|
  • बेबी कर्ण कोलेस्ट्राल फ्री है|
  • इसमें बहुत जादा मात्रा में खनिज रहेते है|
  • बेबी कर्ण किटनाशक मुक्त होता है  किउकी या पत्ते के अन्दर रहेता है|
  • बेबी कर्ण का पौदा और पत्ते पशु के आहार के लिए बहुत इ आच्छे मना जाता है|

बेबी कर्ण  की खेती की बिज़नस  से कितना मुनाफा  होता है ? ( Profit of Baby Corn Farming )

मक्का की परिपक्क होने से पहेले जब कोमल रहेता है तब बेबी कर्ण के रूप में फसल को लिया जाता है| बेबी कर्ण की खेती साल में तिन से चार बार किया जा सकता है| रबी में 100 दिन में, जायद में 80 दिन के अन्दर और खरीफ में 65-70 के अन्दर इसका फसल ले सकते है| बेबी कर्ण  की खेती करने के लिए प्रति एकर में 15 हजार का खर्चा होता है| और 1 लाख तक कमाई हो सकते है| अगर कोई तिन से चार बार खेती कर सकते है तो उसका कमाई एक एकर में 3-4 लाख हो सकते है|

बेबी कर्ण की उपयोग कैसे किया जाता है ?( Use of Baby Corn in Hindi)

  • बेबी कर्ण का उपयोग बहुत सारे काम में किया जाता है|
  • इसे कच्चा भी खाया जाता है और पकाकर खाया जाता है।
  • कई प्रकार के रेसिपीज में इसका उपयोग किया जाता है। जैसे चटनी, पास्ता, कटलेट, कढ़ी, क्रोफ्ता, सलाद, मंचूरियन, रायता, सूप, अचार, पकौड़ा, सब्जी, बिरयानी, जैम, मुरब्बा, बर्फी, हलवा, खीर आदि।
  • इसके अलावा पौधे का उपयोग पशु के खाने के लिए किया जाता है जो कि बहुत पौष्टिक है।

बेबी कर्ण का खेती के लिए जलबायु ?( Climate of Baby Corn Farming)

बेबी कर्ण की खेती 22-30 डिग्री सेंत्रिग्रद में आछि फलन होती है| 30 डिग्री सेंत्रिग्रद के ऊपर बेबी कर्ण का फसल आछे नही होती| जादा  सर्दी का मौसम में बेबी कर्ण  का फसल आच्छे नही होते |

बेबी कर्ण की खेती के समय ?( Timing of Baby Corn Farming)

बेबी कर्ण की खेती पुरे साल जभार किया जाते है| लेकिन अगर मार्च –अप्रैल में बुयाई जाए तो इसका फलन सब से जादा होते है|

बेबी कर्ण की खेती के लिए मिट्टी ( Soil of Baby Corn Farming in Hindi)

बेबी कर्ण की खेती लिए दोमोट मिट्टी सबसे आछी है| जिस मिट्टी जादा कार्बोनिक है  उसी मिट्टी में बेबी कर्ण आछा फलन होते है | बेबी कर्ण की खेती के लिए खेती में आछी जल निकासी का इन्तेजाम होना चाहिए | आछी फलन के लिए मिट्टी का PH  परिख्सा करना जरूरी है | बेबी कर्ण फसल के लिए मिट्टी का PH  6-7  होने से सबसे आछे होता है | कम ph का मिट्टी में इसका फसल हो सकता है लेकिन जल निकासी बहुत आच्छे होना चाहिए|

बेबी कर्ण की उन्नत किस्में (Varieties of  Baby Corn Farming in Hindi)

भारत में बेबी कर्ण बहत  सारे आच्छे किस्मे मिलता है , जैसे –

प्रकाश, विवेक हाइब्रिड 23,  COBC 1, विवेक हाइब्रिड 25, HM 4, HIM 129, Hybrid Maize-5,  Pusa Extra Hybrid 5, DHM 109,  MTH 14, RCM 1-1, RCM 1-3,Golden Baby,  Vl Makka

या सारे कम समय में आधिक फलनशील प्रजाति है|

बेबी कर्ण  की खेती में खाद की प्रयोग ( Pesticides of  Baby Corn Farming in Hindi)

बेबी कर्ण  एक अधिक लाभ देने बाले  फसल है, इस के लिए खाद का जादा नजर राखना चाहीइ | 1 हेक्टर जमिन पे तकरीबन 250-300 कुइंतल सड़ी हुई गोबोर और कम्पोस्ट खाद को जमीन पे मिक्स करना चाहिए | रोपोन के समय 20-25 कुइंतल प्रति हेक्टर में  निम् का खाल्ली जमीन पे देने से पौदा में निमाटॉड बिमारी का प्रोकोप कम होता है| रासायनिक खाद के लिए  नाइट्रोजन 100 किलोग्राम, पोटाश 50 किलोग्राम और 50 किलो फास्फोरस का ब्यबस्था करना पड़ेगा | इस सारे खाद में से पतास और फोस्फोरस को रोपण के समय देना परेगा | और नाइट्रोजन का 50 % रोपों के समय और बाकी नाइट्रोजन का  आधा 40 दिन के बाद और आधा 70 दिन के बाद देना पड़ेगा | अगर सही से सारे बिधि के ऊपर नजर दिया जाए तब बेबी कर्ण की फसल में आची मुनाफा होगा|

बेबी कर्ण की खेती की बीज का प्रबंध ( Seeds of Baby Corn Farming in Hindi)

हर सब्जी का खेती के लिए बीज बहुत जादा कीमत राखते है | बेबी कर्ण की खेती के लिए आप भी आछा किस्मे की बिज चयन की जिए | 1 हेक्टर खेती के लिए 20-25kg   बीज का जरुरत होता है |

बीग को इस्तेमाल करने से पहेले उसका परिशोधन  करना बहुत जरूरी है |

इस लिए बेबी कर्ण की बीज/सीड को मेन्कोजेब 3gm / liter जल में देके बीज को  30 मिनिट परिसुध किया जाता है|| इसमें  फंगल संक्रमण नही होगा पोदा पे |  

बेबी कर्ण की खेती में रोपाई की तयारी  कैसे करे ? ( Planting of Baby Corn Farming in Hindi)

  • बेबी कर्ण के खेती में रोपाई से पहेले जमीन को कुछ समय का अंतर 2-3 बार जुताई कर लेना चाहिए और जमीन को जुर जुरा कर लीजिए | आभी कंपोज्ड खाद जैसे गोबोर , FYM का प्रोयोग की जिए और एक बाद जमीन को समतल राखने  कोसिस कीजिए |
  • बेबी कर्ण के रोपाई के लिय दो पौधा के अन्दर दुरी होना बहुत जरुरी है|
  • बेबी कर्ण की लिए पौधा से पौधा का दुरी होता है 20×50 cm|
  • बिज को 2-3 inch निचे खोदाई करके रोपाई कर सकते है |
  • मिट्टी अगर रोपाई से पहेले शुखा हो जाए तो आप हालका सिचाई कर सकते है|
  • बेबी कर्ण का खेती का सिचाई ( Irrigation of Baby Corn Farming in Hindi)
  • बेबी कर्ण की खेती के लिए सिचाई बहुत एहेम चीज होता है |
  • बेबी कर्ण की पौधा की चारी पास हर समय नमी राखना जरुरी है |
  • बेबी कर्ण की रोपाई के दिन और रोपाई के 3दिन बाद फेर सिचाई देना जरूरी  है |
  •  बेबी कर्ण की पौधा ब्रिधि होने का समय प्रति 15 दिन के अंतराल में सिचाई करना जरुरी है|
  • अगर बेबी कर्ण की खेती में टपक सिचाई प्रणाली उपयोग करते है तो सिचाइ का खर्चा बहुत इ कम होना है | और सरकार ने टपक सिचाई बिधि के लिए योजना भी चालु किया | उसका भी लाभ उठा सकते है |

खरपतबार मुक्त खेती ( Weeds Cleaning of Baby Corn Farming in Hindi)

रोपाई के बाद पौधा का ब्रिधि होना सुरु होगा, तब खेत में खरपतबार का आधिक्य हो सकता है | आपको बीच बिच  में जमीन को देख ना चाहिए, और खरपतबार होने से उसको निकाल ना बहुत जरुरी है | फसल को खरपतवार मुक्त रखने के लिए तिन–चार  बार निराई-गुड़ाई के जरुरत हो सकती है । खरपतवारों के नियंत्रण के लिए खरपतबार नासक फ्लुक्लोरालिन (1.5 किग्रा a.i./ha) का पूर्व-उद्योग और रोपाई के 30 दिन बाद एक हाथ से निराई करने का बहुत जरुरी होता है।40-45 दिन बाद नर फूल तोरना चाहिए|

बेबी कर्ण के साथ अंतर्बती फसल ( Inter Crop of Baby Corn Farming in Hindi)

बेबी कर्ण के साथ अंतर्बती फसल के रूपम बहुत सारे फसल का इस्तेमाल कर सकते है| इसमें मूल फसल का कोई समस्या नही होता| अंतर्बती फसल के रूप में आलू, मटर, राजमा, चुकंदर, प्याज, लहसुन, पालक, मेथी, फूल गोभी, ब्रोकली, मूली, गाजर के साथ खरीफ के मौसम में लोबिया, उड़द को साथ उगाई जा सकती है।

बेबी कर्ण की फसल की कटाई ( Harvest of Baby Corn Farming)

साधारण रुपमे 60-65 दिन के बाद फसल काटना सुरु कर सकते है| जब बेबी कर्ण में सिल्क निकल ता है तब उसे तोड़ा जा सकते है| साधारण रुपमे मक्का का बजन 8-10 ग्राम होने से उसको काट ले ना चाहिए| तोड़ने का समय देखने चाहिए बेबी कर्ण का ऊपर का पत्ते सही है| नही तो या जल्दी खाराप हो जाती है|

Conclusion –  आज इस आर्टिकल में हामने कोसिस किया बेबी कर्ण के बारे में सारे जानकारी देने के लिए| अगर आपको और भी कुछ जानकारी की जरुरत होते है तो निचे कमेंट्स कर सकते है| भारत सरकार बी बेबी कर्ण की खेती के लिए उत्साह दे रहा है भारत सरकार का ICAR  का वेबसाइट में visit  करके information  ले सकते है |

FAQ

Q. बेबी कॉर्न क्या होता है?

Ans.- मक्का को परिपक्क होने से पहेले कोमल अबस्था में बेबी कर्ण का रुपमे तुड़ाई जाता है| बेबी कर्ण में 2-3cm का सिल्क निकल के रहता है| सिल्क निकलने के 2-3 दिन के अन्दर बेबी कर्ण को तुड़ाई जाता है| सारे भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में बेबी कॉर्न का बहुत जादा मांग है|

Q. बेबी कर्ण  की खेती की बिज़नस  से कितना मुनाफा  होता है ?

Ans.- प्रति एकर में 15 हजार का खर्चा होता है| और 1 लाख तक कमाई हो सकते है| अगर कोई तिन से चार बार खेती कर सकते है तो उसका कमाई एक एकर में 3-4 लाख हो सकते है
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