अदरक की खेती की बिजनेस कैसे करे? | How Start Ginger Farming Business in Hindi?)

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“अदरक की खेती की बिजनेस कैसे करे?” इस आर्टिकल में आज हाम अदरक  की खेती से जुढ़े  सारे जानकारी देंगे| दैनिक आहार में सब्जी को राखना बहती जरूरी होता है, बहुत सारे पोषण गुण जेसा विटामिन्स , मिनारेल्स इस सब्जी से मिलता है| हमलोग दैनिक आहार में बिभिन्न प्रकार का सब्जी खाने में राखते है|  अदरक एक हरबाल सब्जी है, अदरक का आयुरबेदिक औशोधी गुण बहुत जादा है|  इसको दुसरा बभुत सारे सब्जी के साथ खाना पाकाके सेबन कर सकते है और इस को काच्चा भी सबन क्र सकते है | होर रोज हर घर में कोई ना कोई खाने के साथ अदरक को हामलोग खाते है | भारत में अदरक का बाजार बढ़ा है | दुनिया में अदरक का सबसे जादा खेती होता है चीन में  उसके बाद भारर , नेपाल , थाईलैंड अदरक का  खेती होता है | भारत में एक बहुत बढ़ा मात्रा में अदरक की आन्या देशो शे आयत किया जाता है | भारत में अदरक की खेती सभी राज्य में कम जाता होता है,  भारत में आसाम में सबसे जाता अदरक के खेती होते है उसके बाद महारास्त्र  और पश्चिम बंगाल में अदरक का उत्पादन होता है |

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आदरक के खेती से बिज़नस का संभाबना कितना है? ( How Potential of Ginger Farming in Hindi?)

आप आपने नोकरी लेके टेनसान में है , आप खुद कुछ करना चाहाते है |क्रिशिकाज करने में आपको आछा लागते है  और आप खेती का  बिज़नस करना चाहाते है, तो आपको अदरक की खेती की बिजनेस करना चाहिए , अदरक की खेती की बिजनेस करके आप आपना  कारिओर बना सकते है | किउ की अदरक की बाजार में मांग बहुत जादा है, और भारत ने हर साल 26,610 टन से जादा अदरक बाहार से आयत करटा है , जिसका बाजार मूल्य 101.16 करोर से जादा है |  इसलिए मार्केट में बेचने में इसका कोई समस्या नही होता | आप आगर अदरक की खेती की  बिज़नस करना चाहते है आप एक सफल ब्यापारी हो सकते है | अदरक को सही से फार्मिंग करने के लिए इसका जलबायु , खेती का तरिका , खेती का समय सारे कुछ जानना पढ़ेगा| इस आर्टिकल में हाम इस सारे बीसय में चर्चा करेंगे |

अदरक की खेती करके आप लाख कामइ करे ( Benefit of Ginger Farming in Hindi)

आप अगर अदरक की  सही तरिका से करते है तो खेती करके  लाख का कामाई करना कोई बढ़ा बाद नही है | किउकी  अदरक की कीमद बाकी सब्जी से साल भर बहुत जादा रहेते है और इसका फार्मिंग करने के लिए भुत जादा जागा का जरुरत नही लागता |और बाजार में इसका डिमांड कोई शेष नही है | आपका केबल वैगानिक तरीको से फार्मिंग करना पढ़ेगा|

अदरक की खेती के लिए जलबायु ?( Climate of Ginger Farming)

अदरक की खेती गर्म  और आद्रता मौसम की स्थानों में आछे होते है | 1500-1800 मिमी बार्षिक बारिस बारे स्थानों पे इसका फार्मिंग किया जा सकते है |बुयाई के समय अदरक की गांठो से राइजोम निकलने के लिए हालका बारिस की जरुरत होती है | और पौदा ब्रिधि होने के लिए आपको मद्धम क्रम की बारिस और पानी के जरुरत होता है | अदरक मिटटी निचे होता है इसलिए बहुत जादा बारिस होने बाली बाली जागा में इसका खेती ना करना आछा है | खुदाई से एक माहिना पहेले से सुखा मौसम की जरुरत होता है | 20-40 डिग्री सन्त्रिग्रेड तापमान में इसका खेती आछ से होता है |

कोनसा मौसम में अदरक की खेती के लिए आछा है ?( Season and Time of Ginger  Farming in Hindi)

अदरक लम्बी समय का फसल है , बारिस से पहेले इस फसल को बुया जाता है | और सर्दी का समयह इसको खुदाया जाटा है| साधारण रुपमे मार्च – अप्रैल में इसको बुया जाता है |और नवेम्बर दिसम्बर से उसका खुदाई किया जाता है|

अदरक की खेती के लिए मिट्टी कोनसा आछा है?( Soil of Ginger  Farming in Hindi)

अदरक की खेती लिए दोमोट मिट्टी सबसे आछी है| जिस मिट्टी बहुत जादा कार्बोनिक है  उसी मिट्टी में अदरक बहुत आछा होते है | अदरक का खेती में जल निष्कासन आछा बोंदोबस्त होना चाहिए | अगर मिट्टी में जल जम जाता है  तब उस मिट्टी में अदरक का खेती आछा नही होगा | और अदरक लम्बा समय का फसल है इस लिएय खेत को तैयार करने में जादा ध्यान देना चाहिए |  आछी फलन के लिए मिट्टी का PH  परिख्सा करना जरूरी होता है | PH  5.5-6.6 होने से सबसे आछे होता है |

अदरक की उन्नत किस्में (Varieties of  Ginger  Farming in Hindi)

भारत में कई  किस्म की अदरक का खेती होता है | और  उगाने का खेत्र का हिसाब से उसका नाम करन हुआ है | भारत में प्रमुख  देशीय प्रजाति का अदरक का नाम है मारन, कुरुप्पमपदी, एर्नाड, वायनाड, हिमाचल और नादिया | उसके साथ कुछ बिदेशी और हाइब्रिड किस्मे बहुत लोकप्रिय है जेसा रियो-डी-जेनेरियो’ |  निचे अदरक की बिभिन्न प्रजाति का नाम दिया गया | कुछ कुछ प्रजाति का आदरक काचा और सुखा करके उपयोग किया जाता है जैसा IISR Varada, और कुछ कुछ अदरक तेल की लिए उपयोग किया जाता है जेसा IISR Rejatha |

नामउत्पादन / Hacफार्मिंग का समय(दिन)सुखा का परिमाण (%)रेशा (%)आवश्यक तेल (%)  
IISR Varada  22.6  200  20.7  4.5  1.8
IISR Mahima  23.2  200  23.03.3  1.7
IISR Rejatha  22.4  20019.0  4.0  2.4
Himagiri  13.5230  20.66.41.6
Athira21.0220 – 240  22.63.43.1
Karthika  19.0  220 – 240  21.63.73.2
Aswathy  23.0220 – 240  19.7  3.53.3
Suprabha16.622920.54.41.9
Suruchi  11.621823.53.82
Suravi17.523023.54.02.1
Subhada18.0  210  22.4  3.42

Rio – de – Janeiro’ प्रजाति का फलन प्रति हक्टोर 25-30 कुइंतल तक होता है , फार्मर के लिए एय एक बहुत जनप्रिय प्रजाति है |

अदरक  की खेती में खाद की प्रयोग ( Pesticides of  Ginger  Farming in Hindi)

अदरक  एक लम्बी समय का फसल है इस लिए खाद का इसमें जादा नजर राखना चाहीइ | 1 हेक्टर जमिन पे तकरीबन 250-300 कुइंतल सड़ी हुई गोबोर और कम्पोस्ट खाद को जमीन पे मिक्स करना चाहिए | राइजोम / प्रकन्द रोपोन के समय  20-25 कुइंतल प्रति हेक्टर निम् का खाल्ली जमीं पोई देना होगा इसमें प्रकन्द गलब एवं सूत्रि कृमि या भूमि शक्ति रोगों की समस्याँ कम हो जाती हैं | रासायनिक खाद के लिए  नाइट्रोजन 100 किलोग्राम, पोटाश 50 किलोग्राम और 50 किलो फास्फोरस का ब्यबस्था करना पड़ेगा | इस सारे खाद में से पतास और फोस्फोरस को रोपण के समय देना परेगा | और नाइट्रोजन का 50 % रोपों के समय और बाकी नाइट्रोजन का  आधा 45 दिन के बाद और आधा 90 दिन के बाद देना पड़ेगा | का अगर सही से सारे बीसी के ऊपर नजर दिया जाए तब अदरक की  का फसल  फलन आची मुनाफा देते है |

बीज का प्रबंध ( Seeds of Ginger Farming in Hindi)

हर सब्जी का खेती के लिए बीज बहुत जादा कीमत राखते है | अदरक  की खेती के लिए आप भी आछा किस्मे की बिज चयन करना चाहिए जो आपका छेत्रा का उपयोगी | अदरक की खेती में अदरक की प्रकन्द को बुयाई जाता है | इसके के प्रकन्द इसके बीज है | अदरक की बीज को चयन करने के लिए 6-8 महीना का पौदा को चयन करना उचित है | प्रति बिज के लिए एक 2.5-5cm  का प्रकांड लेना पढ़ता है | उसका बजन 20-25gm  का होना चाहिई| हर प्रकांड में 2-3 गाँठ रहेना जरूरी है | इसलिए बिज को उपचार करने के बाद ही रोपों किया जाता है | एक हेक्टर खेत के लिए 20-25  कुंटल प्रकन्द की जरुरत है | जैसा की एक हेक्टर की खेत में 1400000 संख्या का पौदा होना जरूरी है |

अदरक की खेती के लिए जमीन तयारी (Ginger Farming Land Preparation in Hindi)

अदरक की खेती के लिए जमीन को आछे से जुताई करना पड़ता है , किउ की अदरक जमीन की निचे होता है और जुताई अगर आछे से नही होगा तो अदरक का बिस्टार सही से नही होगा | अदरक का खेती के लिए जमीन को  4-5 बार जुताई करना पड़ता है| जिसे मिट्टी का बहुत भुरभुरा टाइप का हो जाए | आब 1mitar  चोराई का और 30cm उचाई का बेड बानाना चाहिए | दो बेड का अन्दर 50cm  का दुरी होना चाहिए | सिचाई के लिएय दो बेड का अन्दर का जगा उपयोग कर सकते है|  लेकिन बरसा का समय छोरके आप दीप इरिगेसान का बंद बोस्ट कर सकते है | राइजोम गलने का और निमातोद का बिमारी से बाचने के लिए सफेद तान्स्पेरेंच्य पोलीथिन का शीत ढाक के 40  दिन सनलाइट देके सोलारैजेसन प्रक्रिया उपयोग करना चाहिए|

अदरक की खेती में रोपाई कैसे करे ? ( Planting of Ginger Farming in Hindi)

अदरक खेती के लिए जमीन तैयार होने के बाद रोपाई किया जाता है | रोपाई से पहेले बीज को सही से परिसुध करना जरुरी है | इस लिए अदरक की बीज/प्रकन्द को मेन्कोजेब 3gm / liter जल में देके बीज को  30 मिनिट परिसुध किया जाता है| उसके बाद बेड में छोटा छटा खुदाई करके मिट्टी अन्दर बीज को दिया जाता है | बीज के उपर कम्पोस्ट देना जरुरी है और उसके उपर एक पातला मिट्टी का लेयर देना जरूरी है |

माल्चिंग (Mulcting of Ginger Farming)

अदरक की खेती में मल्चिंग बहुत जरुरी है | मल्चिंग के रूप में पहेले हरे पात्ता,धान की पात्ता दिया जाता है| इसमें बारिस में मिट्टी का खय नही होता और मातम/ खरपतबार  को रोध किया जाता है |

अदरक की खेती की सिचाई (Irrigation of Ginger Farming)

आदरक की खेती आधिक बारिश होने बाले खेत्र से मद्धम बारिस और कम बारिश होने बाले खेत्र में आछा  होता है|  रोपाई के बाद और अन्कुरोध्गम के बाध सिचाई के जरुरत होता है | पौधा निकालने के बाध 7-10 दिन के अन्दर में सिचाई करना जरुरी है| बारिस के समय छोरके के आप ड्रिप सिचाई का साहारा ले सकते है |

अदरक का खेती में छाया का प्रभाब ( Shade of Ginger Farming in Hindi)

अदरक  की खेती हल्की छाया देने से खुला जगा में बोई गयी अदरक से 25 % अधिक उपज प्राप्त होती है । तथा कन्दों की गुणवत्ता में भी उचित वृद्धि मिलते हैं ।

अदरक की खुदाई ( Harvest of Ginger Farming)

अदरक की खुदाई रोपोन के 8-9 माहिना के बाध होता हे | जब पोधा के पात्ता जब पीले पढ़  जाता है और सुख जाता है तब अदरक की खुदाई कर लेना चाहिए | आदरक के खुदाई करने में आगर जादा देर कर दी तो स्टोर करने का समय कंद निकल जाता है | अदरक की खुदाई के समय मिट्टी जादा भीगा और सुखा नही होना चाहिए| इसमें अदरक की खुदाई करनेमे नुक्सान हो सकते है | सब्जी रूप में खाने के लिय आदा उपयोग करने के लिए अदरक को 4-5 माहिना के  अन्दर खुदाई करना चाहिए | और सुखी अदरक करके बेचने के लली 8 माहिना से खुदाई करना चाहिए | खुदाई के बाद 6-7 घंटा जल के अन्दर दूबा के रखना चाहिए | उसके बाद उसको उठाके ब्रास से साफग करना पढ़ता है |

अदरक की खेती की कामाई (Profit of Ginger Farming in Hindi)

एक हेक्टर अदरक का खेती करने से आपको 100-150 कुंटल अदरक उत्पादन होती है | अगर हाइब्रिड किस्मे के खेती करके तो इसमें 300 कुंटल तक उत्पादन हो सकते है | अगर आपने 150-200 कुंटल अदरक की उत्पादन कर सकते है |  और बाजार में अदरक की कीमत 80 रुपिया है, आप आगर 50-60 रुपिया भी पकढ़ते है तो 25 लाख का आमदानी होता है | और अगर 10-12 लाख का खर्चा मानते है तो 15लाख के आस पास कामाई होगा|

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