मछली पालन की बिज़नस कैसे सुरु करे? 2022 | How to start fish farming business in hindi?

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मछली पालन की बिज़नस कैसे सुरु करे? (How to start fish farming business in hindi?)

“मछली पालन की बिज़नस कैसे सुरु करे? “ आज का इस आर्टिकल में मछली पालन की बिजनेस कैसे किया जाता है इसके बारे में बिस्तृत रूप में आलोचना करेंगे. आप आप आगर मछली पालन की बिज़नस करना चाहते है तो आप इस आर्टिकल को अन्त तक जरुर पढ़ें .  

मछली पालन की बिज़नस कैसे सुरु करे? ? (What is the business of fish farming in hindi?)

दुनिया में खाद्य उत्पाद खेत्र में मछली पालन सबसे तेजी से बढ़ने वाला एक इंडस्ट्री है। मछली को सब से सस्ते बाली अमिस प्रोटीन का सोर्स माना जाता है. मछली पालन में हम लोग जलीय प्राणी यानि की मछली का  उत्पादन  बढ़ाने के लिए  नियंत्रित या अर्ध-नियंत्रित वातावरण तैयार करतें है.  और कोई  ब्यक्ति कुछ नियम  के माध्यम से मछली पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

मछली पालन की बिज़नस किउ करे ? (Why do fish farming business in hindi?)

मछली पालन  एक अर्ध-नियंत्रित या नियंत्रित वातावरण में जलीय जीवों को व्यावसायिक रूप में प्रोडक्सन बढ़ाने का एक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में छोटा से बढ़ा सबी प्रकार की मछली को मार्किट के ओंउसर बेचा जाता है.

दुनिया में खाद्य उत्पाद खेत्र में मछली पालन सबसे तेजी से बढ़ने वाला एक इंडस्ट्री है। मछली खाने से हमलोग को बहुत सरे अछे चीज मिल सकता है और ओ भी बहुत कम कीमत में.

  • मछली एक अमिस प्रोटीन का सोर्स
  • मछली में कोलेस्ट्रॉल की मात्र कम रहेते है.
  • मछली  बहुत स्वादिष्ट और स्वस्थ भोजन है।

इसलिए, दुनिया में मछली और मछली से संबंधित बिविन्न प्रकार की उत्पादों की बहुत डिमांड है। कोई भी देश की अर्थव्यवस्था में मछली पालन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है रहेता है । इस बिजनेस कोई बी जुबो के एक रोजगार के अवसर प्रदान करता है। इस बिजनेस में आप खुद  को समाज में प्रतिस्था पाने के साथ साथ दुसरे को भी काम देके रोजगार दे सकते हो.  लेकेन प्रकार की बिजनेस में दिन-प्रतिदिन सावधानीपूर्वक निगरानी, ​​कौशल और विशेष ज्ञान की मांग करता है .

क्मार्सियाली मछली को बहुत लाभ जनक ब्य्ब्सा के रुप में माना जाता हे . मछली पालन में आपको बहूत जल्दी रिटर्न भी मिलता है, बहुत सरे मछली बहुत जल्दी  बेचने की लायक हो जाती है . इसके साथ साथ हमारे देश की मछली का डिमांड दिन के दिन बढ़ रहा है.

मछली खाने के फायदे और नुकसान

मछली स्वास्थ्य के लिए बहुत आची चीज है . मछली प्रनिज प्रोटीन का एक बहुत सास्ता सोर्स और साधन है . मछली काने में कोई नुक्सान नही है . इसे खाने में बी सारे फायदा है जैसे –

  • एय एक ओमेगा 3  का आछा सौसे है .
  • प्रोटीन से भरपूर
  • लो फट (low fat)
  • saturated fat बहती कम
  • शून्य कार्बोहाइड्रेट
  • कम कोलेस्ट्रॉल
  • शून्य सोडियम
  • 60% कैलोरी प्रोटीन से मिलता हे
  • 40% कैलोरी fat से मिलता हे
  • immunity power बहुत जल्दी ग्रो होता है .
  • बच्चा और बूढा आदमी के लिए एय एक बहुत आसे खाना माना जाता है .
  • मछली  खाने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर कम होता है.
  • मछली खाने से heart की समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है,
  • triglyceride का स्तर को कण्ट्रोल में राख्ने का कोसिस कोरते है,
  • blood pressure को भी नियंत्रित करता है
  • मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड जादा मात्रा में रहेता है  इसलिए  हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है पाबदा मछली में ज्यादा fat नहीं होता है।
  • मछली बहुत जादा एक  प्रोटीन का स्रोत है.
  • मछली में ओमेगा-3,  ओमेगा-6 फैटी एसिड, विटामिन और मिनरल बेहतरीन मात्रा में मिलता हे.

बिभिन्न प्रकार की मछली पालन (different types of fish farming in Hindi?)

मछली फार्म शुरू करते समय आपको सबसे पहले कुछ चीज पे आपको बिचार करना चाहिए . पहेले जिस चीज पर नजर देना चाहिए ओ हे कोण सा प्रकार की मछली को अपने फार्मिंग करेंगे . किउ की हमारा देश में बहुत सरे मछली का उत्पादन हो ता है. और बिभिन्न प्रकार मछली बिभिन्न खेत्र के हिसाब से उत्पादन होता है . सही प्रकार की मछली को चयन करना कोई भी मछली  व्यवसायी के लिए सबसे बढ़ा काम होता है .  और एय  मेनेज्म्यन्त के दृष्टिकोण, बाजार की मांग, प्रबंधन दृष्टिकोण और संसाधनों की उपलब्धता के हिसाब से चयन किया जाता है.

निचे  कुछ लोकप्रिय मछली के प्रकार देता हु एय सरे मछली हमारा देश में  व्यवसाय के विचार से  अच्छा रिटर्न देते हैं –

  • कार्प मछली पालन
  • तिलपिया मछली पालन
  • कैटफ़िश की खेती
  • केकड़े की खेती
  •  कार्प मछली पालन
  • सजावटी मछली पालन

कार्प मछली हमारा देश में सबसे जादा व्यवसायी रुपमे पालन किया जाता है . इसका डिमांड बहुत जादा है . इस प्रकार की मछली को बहुत आसानीसे पालन किया जा सकते है. कार्प मछली एक प्रकार की फ़िल्टर फीडर मछली है , इस प्रकार की मछली पानी के कीड़े, मोलस्क, कीड़ों के लार्वा और फैटोप्लांकटन (Phytoplankton), ज़ोप्लांकटन (zooplankton) सहित जानवरों के भोजन का उपभोग करके और उसके साथ साथ बाजार की मछली की खाना खिलाके पालन किया जा सकते है. मछली की ये खाने की आदतें कार्प खेती की लाभप्रदता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

तिलपिया मछली पालन

Tilapia Fish

तिलापिया मछली इन्डियन मेजर कार्प ( रहू,  काटल , मृगेल ) के बाद जादा बिकने बाले मछली है. तिलापिया बाजार की एक लोकप्रिय मछली है। इस प्रकार की मछली बहुत जल्दी बढ़ा हो जाती है. और इसमे प्रोटीन का मात्रा बहुत जादा मात्रा में रहेती है.  इसलिए तिलापिया मछली पालन को अत्यधिक लोकप्रिय और लाभदायक बनाने के मुख्य कारण हैं। व्यावसायिक तिलापिया मछली पालन में, मिट्टी के तालाबों  या  पंड लाईनार की तालाबों  बनके फार्मिंग किया जाता है .

कैटफ़िश की खेती

वाणिज्यिक कैटफ़िश खेती को लाभदायक मछली पालन माना जाता है। केटफिस मतलब जिस मछली का मुछ गुआ उसीको कैटफ़िश.  हमारा देश में सिंगी, देशी मागुर, पंजास मछली का फार्मिंग किया जाता है,.   हमारा देश में हाइब्रिड मांगुर का खेती करना माना है . कोई भी फार्मर केबल केटफिस का फार्मिंग कर सकते है नही तो  अन्य प्रजातियों के मछली के साथ में कैटफ़िश की खेती कर सकते है . कोई वि छोटा फार्मर   छोटे पैमाने पर और अपेक्षाकृत कम लागत के साथ शुरू कर सकते है।

केकड़े की खेती

वाणिज्यिक केकड़े की खेती आप छोटे जगा में आसानीसे कर सकते हे. लेकिन खरा पानी में इसका फार्मिंग बहुत इ अच्चे होते है . छोटे क्षेत्रों में और उच्च घनत्व पर कम से कम श्रम की जा सकती है। केकड़े  बहुत सारे देश में निर्यात किया जाता है . और इसका किमटी बहुत जादा होते है . हमारा देश में इसका फार्मिंग बहुत जल्दी बढ़ रहा है .

बाजार को ओनुसंधान करे और प्लानिंग करे

मछली पालन की व्यवसाय शुरू करने से पहले बाजार अनुसंधान करना बहुत जरूरी होता है. किउकी  आप आगर आपका मछली को लोकाल एरिया में बेचना चाहते है तो . आपको पहेले  आपका लोकाल बाजार को समझ न पढ़ेगा. और उसके हिसाब से फार्मिंग का प्लानिंग करना पढ़ेगा .

कोनसा मछली भारत से निर्यात होता है? (Which fish is exported from India in Hindi?)

आगर आपने  मछली को निर्यात करना चाहते हे तो पहेले आपको निर्यात करने बाले एजेन्ट के साथ बात करना पढ़ेगा, जादा तर श्रिम्प, केक्ढ़े , तिलपिया, सामुद्रिक मछली हमारा देश शे निर्यात होता हे. आगर आप जिस खेत्र में फार्मिंग कर रहे हो उस खेत्र में अगर कोई निर्यात करने बाले एजेंट नही रहा तो आपको मछली निर्यात करने में दिक्कत हो सकता हैं .

मछली पालन की प्रशिक्षण बहुत जरूरी है (Fish farming training is very important in Hindi)

मछली पालन की बिजनेस शुरू करने से पहेले आपको मछली के पालन के बारे प्रशिक्षण लेना बहुत जरुरी है. बहुत सारे सरकारी संस्था है जाहापे मछली पालन के बारे में ट्रेनिंग होता है. और भी बहुत सारे सरकारी फिश फार्म है जाहापे आप ट्रेनिंग ले सकते है .आप कोई आछे फिश फार्मर के पास जाके भी मछली पालन के लिए जानकारी ले सकते है.  आप जाहा से भी ट्रेनिग ले आप्को निचे की बिषय के बारे में जादा जानकारी लेना पड़ेगा –

मछली पालन में फार्मर को कोण बिषय में जानकारी होना चाहिए

  • तलाव की प्रस्तुती की जानकारी
  • तलाव और टैंक में पानी की प्रस्तुती की जानकारी
  • मछली की नार्सारी की बारे में जानकारी
  • पानी का पैरामीटर का बारे में जानकारी
  • मछली के फीडिंग के बारे में जानकारी
  • मछली के रोग ब्याधि के बारे में जानकारी
  • मार्केटिंग के बारे में जानकारी

मछली पालन की शुरू करने से पहेले कोण कोण बिसय को सही करना पढ़ेगा ? (Before starting fish farming, which angle should be studied to correct in Hindi?)

  • सुनिश्चित करें कि आपके पास पानी का एक आछा सा सोर्स है।
  • पानी का तापमान सबसे जादा और सबसे कम कितना होता है ओ एक बार जांज करले. साधारण रुपमे  पानी का तापमान 28-32 डिग्री सेंत्रिग्रेड में मछली पालन आच्छा होता है.
  • सुनिश्चित करें कि आपके पास विज्यान की मोताबेक एक तलाब है .
  • फार्मिंग शुरू करने से पहेले आपको तलाब का पानी को परीक्षण करें .
  • मछली पालन में आधुनिक तकनीकी के बारे में समझें।
  • मछली के अंडे और बच्चे ,  मछली के खाने का फीड (feed) कहा मिलेगा उसके बारे में पता कर लीजिए. एय चीज मछली पालन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • अपने इलाके में मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमति और कानूनी अनुपालन के बारे में जानें।

मछली पालन की बिजनेस का खर्चा (Fish farming business expenses in Hindi)

मछली पालन की बिजनेस शुरू करने से फेले  उसका खर्चा कितना होगा ओ जानना ओ हिसाब करना बहुत जरुरी है. मछली पालन की बिजनेस में दो प्रकार की खर्चा होता है.

फिक्स्ड लागत

 फिक्स्ड लागत में तलाब बनाने के, प्लंबिंग व्यवस्था, परिवहन के लिए वाहन, ऑक्सीजन मीटर, कई टैंक आदि शामिल हैं।

आपरेशन/परिचालन  लागत

आपरेशन/परिचालन  लागत में मछली के बच्चे या मछली के अंडे, बिजली, मछली का चारा, श्रम, ईंधन, दवा, रसायन, बीमा खरीदना शामिल है।

 आपको अपनी बिजनेस का  परियोजना की एक विस्तृत खर्चा के हिसाब करना  चाहिए।

जैसे –

  • तलाब बनाने  की लागत
  • फार्मिंग इक्विपमेंट की खर्चा
  • मछली की बच्चे की खर्चे
  • मछली की फीडिंग खर्चा
  • मछली के मेडिसिन की खर्चा
  • बिजली का खर्चा
  • अगर डिजेल इंजिन रहा तो दिलेल का खर्चा
  • परिवहन खर्चा
  • लेबर खर्चा

मछली पालन के लिए सही लोकेशन (perfect location for fishing in Hindi)

मछली पालन के लिए सही लोकेशन हमें कुछ कारकों पर विचार करने की आवश्यकता होती है। जैसे –

  • मिट्टी की गुणवत्ता
  • पानी के सोर्स
  • लोकेशन की आकर .
  • परिवहन की ब्यबस्था .
  • सूरज की रोशनी  तलाब पे दिन भर रहेना जरुरी है

 इसके अलावा, आपका  भविष्य की योजनाओं पर विचार करें ताकि आपके व्यवसाय का विस्तार करते समय आकार आपको सीमित न करे। तलाब की मिट्टी की गुणवत्ता के कारण आपको मिलने वाली मछली की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती है। इसे के कारण मछली पालन के लिए  उच्च गुणवत्ता वाली मिट्टी वाली जगह चुनें। आपको यह सुनिश्चित करने के लिए मिट्टी का परीक्षण करना चाहिए कि यह कम से कम 20% से अधिक मिट्टी है। इसके अलावा, अंतरिक्ष के सापेक्ष स्तर की जाँच करें।

आपको लोकेशन को फिक्स्ड करने से पहेले यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस लोकेशन में  बाढ़ नही होगा । बाढ़  का पानी आपका फार्मिंग को पूरी तरे खाराप कर  सकते है .  मछली पालन में पानी का सोर्स बहुत जरुरी होता है . उसके बारे में नजर रखना पढ़ेगा .

मछली पालन के जिज्नेस की लिए आवश्यक उपकरणों (Equipment needed for fish farming business in Hindi)

लोकेशन चुनने के बाद आप का फार्मिंग छोटा या बढ़ा हो आपको कुछ सामान की आवश्यक होती है . जैसे –

  1. पंप
  2. मछली राख्ने का ट्रे
  3. जल परीक्षण उपकरण
  4. नेट
  5. मछली टैंक/तालाब
  6. Aeration उपकरण
  7. जेनरेटर

FAQ

Q. मछली पालन में aeration सिस्टम का किय जरुरत होता है ?

Ans. मछली पालन में aeration सिस्टम मछली को oxygen देने के लिए .

मछली पालन के लिए कहाँ पे प्रशिन्खन होता है ?

मछली पालन के प्रशिन्खन के लिए बहुत सारे सरकारी संस्था है जैसे – CIFE, ICAR जिला स्तर में भी बहुत सारे प्रशिन्खन का ब्यबस्था होता है .

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