दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है 2021? | Why Kali Puja Celebrate on Diwali 2021 in Hindi?

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“दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है ?” आज का इस आर्टिकल में दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है इसके बारे में सारे जानकारी देंगे | भारत में दिवाली के दिन साधारण रुपमे जादा टार राज्य में लक्ष्मी मत्ता पूजन होता है | लेकिन कुछ कुछ राज्य जेसा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम , त्रिपुरा में दिवाली के दिन काली माता का पूजा होता है|  हम आज का इस आर्टिकल में दिवाली के दिन किउ काली माता का पूजन होता है, काली माता का पूजन के लिय कया सामग्री चाहिए, पूजा के बिधि और भी बहुत सारे जानकारी देंगे |

Table of Contents

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है? (Why Kali Puja Celebrate on Diwali in Hindi?)

सारे भारत में रामायण के अनुसार राम और लक्ष्मण भगबान और सीता माता की 14 साल की बनबास के बाद अयोध्या में लट आने का खुसी में दिवाली मनाया जता है | उसके साथ सात कुछ राज्य में बंगाल , आसाम, त्रिपुरा, ओडिशा में काली माता की पूजन होता है | पुराण के अनुसार असुर को बध करेने के माता काली का रूद्र रूप और तेज कम नही हो  रहा था माता काली का क्रोध को  शांत करने के लिय महादेव माता काली का चरण के  सामने लेट गये , और कथित है माता ने भगबान  महादेब के ऊपर आपने पा राख दिया था| और उसी समय माटा काली का क्रोध समाप्त हो गया | और माता काली इस  शांत रुपको लक्ष्मी का रुपमे  दिवाली में पुर्जा होती है और क्रोधित रूप को माटा काली का रूप में पूजन होता है|  पुराण के अनुसार  दुर्गा माता का नेत्र से माता काली का जन्म हुया था|

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है – कोण कोण राज्य में काली माता की पूजा दिवाली में होती है ? (Which States Kali Puja Celebrate on Diwali in Hindi?)

सारे देश में दिवाली में माथ लक्ष्मी और सीधी डाटा गणेश भगबान की पूजा होती है | और लक्ष्मी माता और गणेश भगबान का पूजा करने से घर में सम्पद का बरसात होती है | लेकिन इस के साथ साथ दिवाली में काली माता का पूजा सारे देश में का जादा होती है | और परिबार में बुरा शाक्ति का बिनास के लिय दिवाली के दिन काली माता का पूजा होता है सारे देश में | लेकिन सबसे जादा इस पूजा बंगाल, आसाम, ओडिशा, त्रिपुरा या सारे राज्य में जादा होती है | दिवाली के दिन काली माता का पूजा अर्धरात्रि में होता है | कथित है असुर से प्रिथी को बाचाने के लिय 64000 योगिनियो के साथ माता काली की आबिर्भाब रात की आन्देरे में हुया था | इसी कारण से माता काली की पूजा रात में होता है |

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है – काली माता की पूजा की प्रकार (Type of  Kali Puja  in Hindi?)

माता काली की पूजा साधारण रूप में 2 प्रकार से होता है, पहेले प्रकार साधारण बिधि से पूजा, और दुसरा तांत्रिक बिधि से पूजा |

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है – काली माता का पूजन में घर में लाभ (Benefits of Kali Puja  in Hindi?)

दशहरे के 15 दिन बाद आमाबश के दिन काली माता की पूजा होती है | कथित है डस्ट और पपिओ को बध करने के लिय दुर्गा देबी के नेत्र से काली माता की जनम हुआ ता| और  बिस्वास किया जाता है काली माता की पूजा करने से जीबन का सारे दुःख का अंत हो जता है | शत्रु का बिनाश होता है | कुंडली में राहू और केतू को शांत रहेता है | तंत्र साधना के लिए माता काली का पूजा होता है |

  • माता काली की मदद  से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा आपके घर ओर परिवार से दूर चली जाती हैं।
  • काली पूजा से हर तरह की अशुद्धियाँ परिबार से दूर हो जाती हैं।
  • काली माता की पूजा द्वारा भक्त की नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती हैं।
  • काली माता की उपासना से  परिबार में सभी का जीवन में सुख, शांति, शक्ति, विद्या की प्राप्ति होती हैं।
  • काली देवी की शरण में आने के बाद भक्त के समस्त राग, द्वेष, विघ्न आदि भस्म हो जाते हैं।

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है – काली माता का पूजा की सामग्री ( Items of Kali Puja  in Hindi?)

माता काली का पूजा करने का समय सारे चीज में नजर देना पढ़ता है | किउ की इस पूजा में बहुत सारे सामग्री की ररूरत होता है | निचे पूजा सामग्री का सारे सूचि दिया गया|

रोली,चंदन, कुमकुम, अक्षत, एक लोटा पानी,फूल, प्रसाद, कुश, धूपबत्ती, माचिस, दीपक, काली चालीसा या माता काली की आरती की किताब |

काली माता की पूजा केसा किया जाता है ? ( How Celebrate Kali Puja  in Hindi?)

माता काली की पूजा बहुत साबधान पुर्बक किया जाता है | पूजा के लिए मन्दिर और अस्थाई रूप में कोई मंच किया जा सकते है | मंच में एक बेदी होना भुत जरुरी है | बेदी का ऊपर माता का घट की स्थापना किया जाते है | पूजा के लिए एक माता की मूर्ती और फोटो होना जरूरी है| काली माता का पूजा खुद ना करके कोई पंडित से कराना आछा रहेते है| पूजा से पहेले पंडित से सारे सामग्री का सूचि लेना जरूरी होता है | पूजा का दिन भक्त को ब्रत राखना पढ़ता है | ब्रत राखने का समय उपबास राखना पढ़ता है | माता काली की पूजा पूजा करने बाले पंडित और भक्त को साफ सुतरा बस्त्र पेहेनना पढ़ता है |

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है  – काली माता की पूजा की तिथि 2021 ( Timing of Kali Puja 2021 in Hindi?)

साल 2021 में काली पूजा नवंबर की 4 तारिख है |  निचे उसका तारिक और समय दिया गया |

काली माता की पूजा की तारिख – नवंबर 4, साल – 2021

अमावस्या का समय : अमावस्या सुरु होगा –  नवंबर 4, साल – 2021 , 6.30 AM

                                    अमावस्या ख़तम  होगा –  नवंबर 5, साल – 2021 , 2.44 AM

काली माता की पूजा सुरु की समय –  नवंबर 4, साल – 2021 , 11.39 PM  से  नवंबर 5, साल – 202112.31 AM के  अन्दर |

माँ काली की पूजा करने की  मंत्र ( Mantra of Devi Kali in hindi)

माता काली, देवी दुर्गा की  एक रूप है | माता काली को दुर्गा माता की दश रुप० के अन्दर सबसे शक्ति शाली रूप माना जाता है | द्श्महाबिद्याओ  में माता काली की रूप को पहेला स्थान में राखा गया | दुष्ट और असुर को संहार करने के लिए माता काली का आबिर्भाब हुया था| काली माता बहुत सारे मंत्र  से पूजा करने सी माता काली को तुष्ट किया जाता है |

22 अक्षरी श्री दक्षिण काली मंत्र 

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥

इस मंत्र में दखिना काली माता को आहबान किया जाता है |  इस मंत्र का अर्थ है – परमेश्वरी जगत जननी महाकाली महामाया मां मेरे दुखों को दूर करें |

तीन अक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं॥

मां काली की पूजा में उनके प्रचंड रुपों की आराधना के लिए यह तीन अक्षरी मंत्र एक विशिष्ट मंत्र है।

एकाक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं

यह मां काली का एकाक्षरी मंत्र है। इसका जप मां के सभी रूपों की आराधना, उपासना और साधना में किया जा सकता है। मां काली के इस एकाक्षरी मंत्र को मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र भी कहा जाता है।

सप्ताक्षरी काली मंत्र

ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥

यह मंत्र भी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह मंत्र कारगर माना जाता है।

पांच अक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥

एसा बोला जाता है इस मंत्र 108 बार जप  करने से  भक्त का सभी दुखों का अंत होता है | और यहां धन-समृधि का  वृद्धि होता  हैं। पारिवार में शांति आता है |

षडाक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥

इस षडाक्षरी मंत्र का जप सम्मोहन आदि तांत्रिक सिद्धियों के लिए किया जाता है। यह मंत्र  बिस्व जगत को मोहित करने है।

श्री दक्षिणकाली मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥

तांत्रिक इस मंत्र को जप करके  दक्षिण काली की साधना  सिद्धि प्राप्ति की कामना करते हैं। आप भी इस मंत्र जप करके शत्रु को प्रतिरोध कर सकते है |

श्री दक्षिणकाली मंत्र

क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥

यह  दक्षिण काली का एक प्रचलित मंत्र है। सर्ब प्रकार की रोग, दोष को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप कर सकते है । माता काली शीघ्र कृपा करती हैं।

श्री दक्षिणकाली मंत्र

ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥

माता काली के लिए इस मंत्र एक शक्ति साली मंत्र बोला जाती है | मां काली इस मंत्र सी शीघ्र प्रसन्न हो जाता है |

 श्री दक्षिणकाली मंत्र

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥

 काली माता का एक विशिष्ट मंत्र है इस मंत्र को  तांत्रिक साधना में प्रयोग किया जाता है।

भद्रकाली मंत्र

ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा॥

मां भद्रकाली का पूजा के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाते है | शत्रुओं को वश करने के लिये इस मंत्र का जप किया जाता है। माता भद्रकाली की पूजा शत्रुओं के विनाश के लिये की जाती है। मां भद्रकाली को धर्म, कर्म और अर्थ की सिद्धी देने वाली माना जाता है।

श्री शमशान काली मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं॥

इस मंत्र से तांत्रिक शमशान काली की साधना करते हैं। भूत-प्रेत, पिशाचादि को वश में करने के लिए शमशान काली की साधना की जाती है।

दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है ? – माता काली की आरती ( Song of Kali Puja in Hindi)

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत – कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

Conclusion : “दिवाली के दिन काली पूजा किउ किया जाते है” इस आरिक्ले में हमने कोसिस किया काली माता की पूजा के बारे में सारे जानकारी देने के लिइ | आगार आपको इस आर्टिकल में बारे में कुछ कॉमेंट्स करना है तो आप निचे कमेंट्स का स्थान पे जरुर कमेंट्स की जिए | और अगर आर्टिकल पसंद आया तो आपका परिबार और दोस्त को जरुर शेयर की जिए |और आप चाहाते तो जरुर काली माता का पूजा कीजिए | कोलकाता की बहूत सारे स्थान में बहुत सारे काली माता का पूजा होते है दिवाली के दिन | आप उसको भी उपभोग कर सकते है |

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